नैना तरसे
नैना तरसते हैं उस सुबह के लिए
जब उम्मीद अपने शिखर पर होगी
और ख़्वाबों को टूटने का डर नहीं होगा।
जब खुलकर साँस ले सकूँगी मैं
और कह सकूँगी,
हाँ यह जिंदगी मेरी है
और इससे जुड़े हर फैसले को लेने का
हक सिर्फ मेरा होगा।
गलतियाँ करुँगी तभी तो सीखूंगी
गिरने के डर से चलना ही छोड़ दिया
तो गिर कर सम्भलना कैसे सीखूंगी?
क्या अपने इस अधिकार के लिए भी
मुझे दुनिया से लड़ना होगा?
नैना तरसते हैं उस सुबह के लिए
जब अपनी किस्मत को मनचाही कलम से
लिखने का हक सिर्फ मेरा होगा।
❤सोनिया जाधव
#लेखनी प्रतियोगिता
Niraj Pandey
10-Oct-2021 07:43 PM
वाह गजब👌
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Sonia Jadhav
10-Oct-2021 08:43 PM
Thanks👍👍
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Gunjan Kamal
10-Oct-2021 12:17 AM
बहुत खूब
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Sonia Jadhav
10-Oct-2021 12:06 PM
बहुत बहुत आभार🙏🙏
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Seema Priyadarshini sahay
09-Oct-2021 09:27 PM
Very nice
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Sonia Jadhav
10-Oct-2021 12:05 PM
Thanks 🙏🙏
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